बहुत ही सुंदर है गज़ल ।
बहुत शुक्रिया
वाह !! क्या खूब लिखा ?गिर गए आईने की आँखों सेअक्स ने जैसे ख़ुदकुशी कर ली-- अति सुंदर !!!!! आखिरी शेर भी कबिलेदाद है आदरणीय लोकेश जी |
आभार आदरणीया
वाह्ह...शानदार..लाज़वाब गज़ल लोकेश जी👌
बहुत बहुत आभार
बहुत ख़ूब ...लाजवाब शेर हैं ग़ज़ल में ...
आदरणीय लोकेश जी ------- हमेशा की तरह खूबसूरत अशार!!!!!!!!!!ये शेर मुझे खास काबिले दाद लगा -दोस्ती है फ़रेब जान के येजो मिला उससे दुश्मनी कर ली------------ सादर आभार |
Jabardast.......Shandaar gazal
12 Comments
बहुत ही सुंदर है गज़ल ।
ReplyDeleteबहुत शुक्रिया
Deleteवाह !! क्या खूब लिखा ?
ReplyDeleteगिर गए आईने की आँखों से
अक्स ने जैसे ख़ुदकुशी कर ली-- अति सुंदर !!!!! आखिरी शेर भी कबिलेदाद है आदरणीय लोकेश जी |
आभार आदरणीया
Deleteवाह्ह...शानदार..लाज़वाब गज़ल लोकेश जी👌
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार
Deleteबहुत ख़ूब ...
ReplyDeleteलाजवाब शेर हैं ग़ज़ल में ...
बहुत बहुत आभार
Deleteआदरणीय लोकेश जी ------- हमेशा की तरह खूबसूरत अशार!!!!!!!!!!ये शेर मुझे खास काबिले दाद लगा -
ReplyDeleteदोस्ती है फ़रेब जान के ये
जो मिला उससे दुश्मनी कर ली------------ सादर आभार |
बहुत बहुत आभार
DeleteJabardast.......Shandaar gazal
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार
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