तू अगर दिल की सुनेगा बावफ़ा बन जायेगा
आज के इस दौर में ये ही सज़ा बन जायेगा
इश्क़ के बारे में कुछ मत पूछ ये ही जान ले
इश्क़ जिस पत्थर को छू ले वो खुदा बन जायेगा
तोड़ने वाले मेरा दिल, सोच ले पहले जरा
दिल नहीं है कोई बुत जो दूसरा बन जायेगा
ग़म अगर मेरे बिखर जाने का तुझको है नदीश
मैं संवर जाऊंगा गर तू आईना बन जायेगा
चित्र साभार-गूगल
ग़म अगर मेरे बिखर जाने का तुझको है नदीश
जवाब देंहटाएंमैं संवर जाऊंगा गर तू आईना बन जायेगा
बहुत खूब......
शानदार गजल
आभार आदरणीय
हटाएंबहुत खूब!!!
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीय
हटाएंइश्क़ के बारे में कुछ मत पूछ ये ही जान ले
जवाब देंहटाएंइश्क़ जिस पत्थर को छू ले वो खुदा बन जायेगा
बहुत खूब ... इश्क खुदा बन जाता है तो उसको पाने वाले अपने आप ही उसके करीब हो जाते हैं ...
बहुत आभार आदरणीय
हटाएंउम्दा शानदार हर बार की तरह।
जवाब देंहटाएंआभार आदरणीया
हटाएंनमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी यह प्रस्तुति BLOG "पाँच लिंकों का आनंद"
( http://halchalwith5links.blogspot.in ) में
गुरुवार 30 अगस्त 2018 को प्रकाशनार्थ 1140 वें अंक में सम्मिलित की गयी है।
प्रातः 4 बजे के उपरान्त प्रकाशित अंक अवलोकनार्थ उपलब्ध होगा।
चर्चा में शामिल होने के लिए आप सादर आमंत्रित हैं, आइयेगा ज़रूर।
सधन्यवाद।
बहुत बहुत आभार आदरणीय
हटाएंबेहद खूबसूरत 👌👌
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार आपका
हटाएंबहुत सुंदर भावों से परिपूर्ण ।
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार आपका
हटाएंहमेशा की.तरह आपकी लिखी शानदार ग़ज़ल लोकेश जी..बहुत अच्छी है👌👌👌
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार आपका
हटाएंबहुत सुंदर प्रस्तूति,लोकेश जी।
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार आपका
हटाएंबहुत ही सुन्दर गजल
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार आपका
हटाएंसुंदर रचना
जवाब देंहटाएंहार्दिक आभार आपका
हटाएं