कड़ी है धूप चलो छाँव तले प्यार करें
जहाँ ठहर के वक़्त आँख मले प्यार करें
नज़रिया बदलें तो दुनिया भी बदल जाएगी
भूल के रंजिशें, शिकवे-ओ-गिले प्यार करें
वफ़ा ख़ुलूस के जज्बों से लबालब होकर
फूल अरमानों का जब-जब भी खिले प्यार करें
दिलों के दरम्यां रह जाये न दूरी कोई
चराग़ दिल में कुर्बतों का जले प्यार करें
तमाम नफ़रतें मिट जाये दिलों से अपने
तंग एहसास कोई जब भी खले प्यार करें
कौन अपना या पराया नदीश छोड़ो भी
इंसान को प्यार करें ...
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूब है ग़ज़ल आपकी ...
बहुत बहुत आभार
हटाएंबेहतरीन गजल
हटाएंतमाम नफ़रतें मिट जाये दिलों से अपने
तंग एहसास कोई जब भी खले प्यार करें
आभार आदरणीया
हटाएंआदरणीय लोकेश जी - कई बार तो आपके शब्द विस्मय से भर देते हैं == बहुत खूब इंसानी जज़्बे और खुलूस से भरी रचना के लिए आपको हार्दिक बधाई ---
जवाब देंहटाएंकड़ी है धूप चलो छाँव तले प्यार करें
जहाँ ठहर के वक़्त आँख मले प्यार करें
कौन अपना या पराया नदीश छोडो भी
मिले इंसान जहाँ जब भी भले प्यार करें ------ बहुत खूब !!!!!!!!!!!! सादर --
बेहद शुक्रिया
हटाएंलाजवाब ग़ज़ल, लोकेश जी
जवाब देंहटाएंबेहद शुक्रिया
हटाएंअत्यंत सुंदर ! प्यार शब्द को नए आयाम और अर्थ देती है आपकी रचना !
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार
हटाएंजी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना शुक्रवार ५ अक्टूबर २०१८ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
बहुत बहुत आभार आदरणीया
हटाएंकौन अपना या पराया नदीश छोडो भी
जवाब देंहटाएंमिले इंसान जहाँ जब भी भले प्यार करें
बहुत खूब...
बेहतरीन सृजन नदीश जी ।
हार्दिक आभार आपका
हटाएंनज़रिया बदलें तो दुनिया भी बदल जाएगी
जवाब देंहटाएंभूल के रंजिशें, शिकवे-ओ-गिले प्यार करें .लाजवाब ग़ज़ल...
हार्दिक आभार आपका
हटाएंवाह गजब
जवाब देंहटाएं2-3 शेर तो ऐसे हैं जिनके 2 से ज्याद मानी निकलते हैं और सारे मायने अपनी चरमसीमा तक पहुंचते हैं.
नाफ़ प्याला याद आता है क्यों? (गजल 5)
बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय
हटाएंलाजवाब ....बहुत ही सुन्दर ग़ज़ल
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका
हटाएंवाह बहुत खूब !
जवाब देंहटाएंछांव ढूढने वालो को छांव मिल ही जाती है बस मन में स्नेह भाव चहिए।
उम्दा
बहुत बहुत आभार आपका
हटाएंवाह!!खूबसूरत रचना !!
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका
हटाएंनज़रिया बदलें तो दुनिया भी बदल जाएगी
जवाब देंहटाएंभूल के रंजिशें, शिकवे-ओ-गिले प्यार करें
शानदार ...लाजवाब....
वाह!!!
बहुत बहुत आभार आपका
हटाएंसुंदर हमेशा की तरह।
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका
हटाएंबेहतरीन आदरणीय
जवाब देंहटाएंसादर
बहुत बहुत आभार आपका
हटाएंबेहतरीन ग़ज़ल
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत आभार आपका
हटाएंअच्छी रचना
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुक्रिया
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